लू के लक्षण, कारण, इलाज-Loo, Heat Stroke, Symptoms, Causes, Treatment in Hindi
लू के लक्षण, कारण, इलाज – Loo, Heat Stroke, Symptoms, Causes, Treatment
लू Loo लगने के लक्षण जैसे सिर दर्द, चक्कर आना, गर्मी के बावजूद पसीना नहीं आना, त्वचा लाल गर्म और सूखी हो जाना, टेम्परेचर अधिक होना, मांसपेशीयों में ऐंठन होना, हीट स्ट्रोक, जी घबराना या उल्टी होना, दिल की धड़कन बढ़ जाना, साँस लेने में परेशानी महसूस होना, कालरा होना, व्यवहार में परिवर्तन जैसे भ्रम आदि होना लू के लक्षण के प्रतीक होते है। लू के घरेलू उपचार कुछ इस प्रकार है Loo ke lakshan, Loo ka ilaj, loo kaise lagti hai:-
लू एवं गर्मी के मौसम में धूप का चश्मा लगाकर निकलें
ग्रीष्मकाल में जब भी घर से बाहर निकलें, आंखों पर धूप का चश्मा लगाकर निकलें, यह धूप से राहत और आंखों को ठंडक देगा। जो लोग एयर कंडीशनर या कूलर के सामने बैठ कर काम करते हैं उन्हें एकदम ठंडे वातावरण से तेज धूप में नहीं निकलना चाहिए क्योंकि इस सर्दी-गर्मी की वजह से भी लू लग सकती है।
लू Loo से बचने के लिए पूरे शरीर को कवर कर निकलें
धूप में निकलने से पहलें पूरे शरीर को किसी कपड़े से कवर कर लें और दोपहर में सड़कों पर या खुले मैदानों में न घूमें। यदि सड़कों पर पैदल जाना है तो छाता लेकर जाएं। यदि दोपहिया वाहन चलाना हो तो सिर पर हैल्मेट या टोपी पहनें। गर्म हवा के थपेड़ों से बचने के लिए कान को कपड़े से ढंक लें। गर्मी के मौसम या धूप में बिना एसी AC वाली बंद कार में यात्रा करना चाहिए।
लू एवं गर्मी के मौसम में वाहन धूप में खड़ी न करें
कभी कभी बंद कार लू लगने का बहुत सामान्य कारण होता है। बंद कार यदि धूप में खड़ी हो तो कार के अंदर का तापमान बाहर के तापमान से बहुत ज्यादा हो जाता है। बाहर यदि 25 °C तापमान हो तो कार के अंदर का टेम्परेचर 50 °C या इससे ज्यादा भी हो सकता है। इससे लू लग सकती है। कुछ लोग बच्चों या बुजुर्गों को बंद कार में छोड़कर किसी काम से चले जाते है। छोटे बच्चे, बुजुर्ग लोगों को कभी भी बंद कार में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए क्योकि बहुत कम समय में ही हीट स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं। बाहर निकलना चाहें तो भी बाहर नहीं निकल पाये और आस पास किसी को उनकी परेशानी का अहसास ना हो। यह खतरनाक हो सकता है।
लू लगने के कारण कालरा होना
लू Loo असल में यह गर्मी से होने वाली शारीरिक समस्या है। हमारे शरीर में खुद को ठंडा रखने की कार्यप्रणाली होती है। इस कार्यप्रणाली के कारण हम बाहर की गर्मी या शारीरिक गतिविधि के कारण अंदर बढ़ने वाली गर्मी से खुद को बचा पाते हैं। पसीना आना उसी कार्यप्रणाली का हिस्सा होता है। पसीना आने के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी का होना जरुरी होता है। पानी की कमी होने पर यह कार्य प्रणाली सही तरीके से काम नहीं कर पाती है। ऐसे में यदि शरीर का तापमान 104 ० F से ज्यादा हो जाये तो हमे कालरा की शिकायत होती है. लू लगना या हीट स्ट्रोक कहते हैं। ऐसे में चिकित्सा आवश्यक हो जाती है।
गर्मी एवं लू से बचने के लिए घरेलू उपचार कुछ इस प्रकार है :
- धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए. सिर ढक कर धूप में निकलने से भी लू से बचा जा सकता है।
- Loo से बचने के लिए धनिए को पानी में भिगोकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसलकर तथा छानकर उसमें थोड़ी सी चीनी मिलाकर पीएं।
- गर्मियों में आम का पन्ना पीना चाहिए। यह कच्चे आम का शर्बत होता है जो आपको लू से बचाता है।
- इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर कपड़े से छान लें। इस पानी में शक्कर मिलाकर पीने से लू से बचा जा सकता है।
- बाहर निकलने से पहले हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें और थोड़ी-थोड़ी थोडी देर में पानी पीते रहें। दिन में खाली पेट बाहर नहीं निकले। घर से निकलने के पहले कुछ खाकर निकले।
लू से बचने के लिए भरपेट भोजन करें
गर्मी के दिनों में भूखे नहीं रहना चाहिए। जब भी घर से बाहर निकलना हो भरपेट भोजन करके निकलना चाहिए।
लू एवं गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक पानी का सेवन करना
ग्रीष्मकाल में अधिक पसीना आता है इसलिए शरीर का पानी अधिक मात्रा में खर्च होता है। यदि पानी की आपूर्ति न हो तो शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाएगा। पसीना शरीर के तापमान को नियंत्रित कर लू से बचाव करता है। इसी प्रकार शीतल जल एक अमृत पेय है। घर से निकलने से पहले खूब पानी पिएं ताकि शरीर में उसकी कमी न रहे। पानी के अतिरिक्त इस मौसम में शरबत, गन्ने का रस, लस्सी आदि का भी सेवन करना चाहिए। पानी व रेशा प्रधान तरावट देने वाले फलों का सेवन करना चाहिए।
लू एवं गर्मी से बचाव घरेलू उपचार
- धूप में कम से कम निकलने की कोशिश करें। अगर निकलना जरूरी है तो छाता जरूर लेकर चलें।
- धूप में निकलने से पहले पूरे अंगो को ढकने वाले कपड़े पहने। अगर संभव हो तो सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें। इससे गर्मी कम लगती है।
- कच्ची प्याज भी लू से बचाने में मददगार होता है। आप खाने के साथ कच्चा प्याज का सलाद बनाकर खा सकते हैं।
- गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए तरबूज, ककड़ी, खीरा खाना चाहिए। इसके अलावा फलों का जूस भी लेना चाहिए।
- पानी में ग्लूकोज मिलाकर पीते रहना चाहिए। इससे आपके शरीर को उर्जा मिलती है जिससे आपको थकान कम लगती है।
- लू Loo से बचने के लिए बेल या नींबू का शर्बत भी पीया जा सकता है। यह आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
- बाहर से आने के बाद तुरंत पानी नहीं पीएं। जब आपके शरीर का तापमान सामान्य हो जाए तभी पानी पीएं।
- धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए. सिर ढक कर धूप में निकलने से भी लू से बचा जा सकता है।
- घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें. जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत ज्यादा फायदेमंद है।
- तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।
- गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
- पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है।
- धूप में बाहर जाते वक्त खाली पेट नहीं जाना चाहिए।
- सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है।
- गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए. भोजन में दही को शामिल करना चाहिए।
- नहाने से पहले जौ के आटे को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर बॉडी पर लगाकर कुछ देर बाद ठंडे पानी से नहाने से लू का असर कम होता है।
- लू Loo से बचने के लिए कच्चे आम का लेप बनाकर पैरों के तलवों पर मालिश करनी चाहिए।
- लू Loo लगने और ज्यादा गर्मी में शरीर पर घमौरियां हो जाती हैं. बेसन को पानी में घोलकर घमौरियों पर लगाने से फायदा होता है।
- लू Lu लगने पर जौ के आटे और प्याज को पीसकर पेस्ट बनाएं और उसे शरीर पर लगाएं. जरूर राहत मिलेगी।
- धूप में निकलने से पहले नाखून पर प्याज घिसकर लगाने से लू नहीं लगती. यही नहीं धूप में बाहर निकलते वक्त अगर आप छिला हुआ प्याज लेकर साथ चलेंगे तो भी आपको लू नहीं लगेगी।
- धूप से आने के बाद थोड़ा सा प्याज का रस शहद में मिलाकर चाटने से लू लगने का खतरा कम होता है।
- गर्मी के मौसम में खाने के बाद गुड़ खाने से भी लू लगने का डर कम होता है।
- टमाटर की चटनी, नारियल और पेठा खाने से भी लू नही लगती।
- मेथी की सूखी पत्तियों को ठंडे पानी में कुछ समय भिगोकर रखें, बाद में उसे हाथ से मसलकर छान लें, इस पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर दो-दो घंटे पर रोगी को पिलाएँ, इससे लू से तुरंत छुटकारा मिलता है।
गर्मी के मौसम में सिंथेटिक या टाइट कपड़े पहनने से हवा नहीं लग पाती और शरीर के अंदर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती। ऐसे में हीट स्ट्रोक या लू का असर हो सकता है।
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