नाक की एलर्जी के आसान उपचार एवं बचाव कैसे करें ?
नाक की एलर्जी के लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार
1. नाक की एलर्जी: हम सबने अपने आस पास बहुत से लोगों को सुबह उठते ही लगातार 10 से 20 छीकें लगाते देखा होगा। ए छींकें नाक में होने वाली एलर्जी की वजह से होता है जिसे “एलर्जिक राइनाइटिस” कहते है। इस प्रकार नाक की एलर्जी घर एवं वातावरण की धूल के कण एवं पालतू व अन्य जानवरों की वजह से हो सकती है।
2. नाक की एलर्जी आम समस्या है: साधारणतः इस प्रकार की नाक की एलर्जी आम समस्या है। इस प्रकार नाक की एलर्जी की बीमारी जानलेवा नहीं होती, लेकिन आपकी सामान्य दिनचर्या को काफी प्रभावित कर सकती है।यदि नाक की एलर्जी का ब्यक्ति सही समय पर उपचार कर लेता है तो यह परेशानी जल्द ही समाप्त हो सकती है। वास्तव में, हमारी नाक, श्वास के साथ प्रवेश करने वाले धूल कण व अन्य पदार्थो को रोकती है, लेकिन जब किसी तरह ये धूल और पदार्थ हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते है तो इम्युनिटी इनके प्रति प्रक्रिया व्यक्ति करती है, जो एलर्जी के रूप में सामने आती है।
3. नाक की एलर्जी के लक्षण:
- लगातार छीकें आना;
- नाक से पानी जैसा तरल पदार्थ बहना;
- नाक आँख व तालु में खुजली होना;
- नाक या गले में खराश होना;
- हल्का बुखार या सिरदर्द होना;
- आँखों से आंसू निकलना होना;
- नाक बंद होना।
4. नाक की एलर्जी के कारण: क्यों होती है नाक की एलर्जी: इसका मुख्य कारण धूल, मिटटी या हानिकारक पदार्थ का साँस के जरिए शरीर में प्रवेश करना है। इसके आलावा बदलते मौसम तापमान में आए अचानक प्ररिवर्तन, नमी, प्रदूषण, जानवरो के बाल, गंध या अन्य कारण भी हो सकते है और इनके शरीर में प्रवेश करने या स्किन पर लगने से जो प्रतिक्रिया हो वही एलर्जी राइनाइटिस के रूप में सामने आती है।
5. क्या है नेजल पॉलिप व साइनुसाइटिस?: एलर्जी राइनाइटिस के आलावा नेजल पॉलिप, साइनुसाइटिस भी नाक की इंफैक्शन का ही महत्वपूर्ण कारण है। दरअसल नाक के अंदर का मांस बढ़ने को नेजल पॉलिप कहते है जबकि साइनुसाइटिस की प्रॉब्लम तब होती है जब नाक के आसपास हड्डियों में हवा का आवागमन सही से नहीं हो पाता और संक्रमण फैलने लगता है।
- सावधानियां बरतें।
- धूल और धुएं से बचें।
- अगर इंफैक्शन के शिकार जल्द हो जाते है तो झाड़ू की जगह वैक्यूम।
क्लीनर का इस्तेमाल करें।
- कपडों, बैडशीट और कालीन में नमी न रहने दें। समय-समय पर इन्हें धुप लगाएं।
- एलर्जी ज्यादा है तो विशेषज्ञ से परामर्श लें।
6. नाक की एलर्जी से राहत पाने के आयुर्वैदिक उपचार: यह जरूरी नहीं है कि आप छुटकारा सिर्फ एंटीबायोटिक दवाओं से पा सकते है, बल्कि कुछ आयुर्वैदिक दवाएं भी फायदेमंद साबित हो सकती है।
- हल्दी: इसमें एंटी एलर्जिक, एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण राइनाइटिस से लड़ने में मदद कर सकते है। शहद और हल्दी का मिश्रण ले सकते है अगर यह उपचार कठिन है तो आप एक गिलास दूध में एक स्पून हल्दी मिक्स करके सेवन कर सकते है।
- तुलसी: तुलसी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते है। इसलिए आप तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पी सकते है।
- देशी घी: एलर्जी से होने वाले बुखार से राहत पाने के लिए आप सोने से पहले रात में नाक के दोनों तरफ 2 बूंदें घी की डाल सकते है।
- पुदीना: पुदीने में सूजन कम करने के गुण शामिल होते है। पुदीने के 2 से 3 पत्ते चबाए। पुदीने की चाय पीने से भी आपको राहत मिलेगी।
- अदरक: एक गिलास पानी में अदरक का छोटा टुकड़ा उबाल लें, फिर इसमें शहद और नींबू का रस मिलाकर पीएं।
Subject: Nak Band Hona, Lagatar Chhinken aana, Nak se pani jaisa taral padarth bahna, Nak ankh evam taalu me khujali hana, Halka bukhar ya sirdard hona, Nak ya gale me kharash hona, Ankhon se aansu nikalana, Man kharab rahana, sarir me halka dard bana rahana aadi.
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