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अंजीर के फायदे, नुकसान एवं औषधीय गुण Anjeer Benefits Side Effects in Hindi.

अंजीर के गुण- गठिया, बवासीर, टी. बी., श्वास रोग, पुरानी से पुरानी खांसी, रुधिर जमाव, पौरुष शक्तिवर्धक, त्वचा की गर्मी, पित्त विकार, रक्तविकार, कब्जियत, वीर्य दोष, गाँठ की सूजन, फोड़ा-फुंसी, सफेद दाग, कमजोरी, लकवा,प्यास, यकृत, सीने के दर्द, सूजन, बलतोड़, दाद, और दिल के रोग जैसे आदि बिमारियों के इलाज में अंजीर की घरेलू दवा, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक उपचार, औषधीय चिकित्सा प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से किये जाते है…

अंजीर का परिचय

अजीर दो प्रकार का होता है। एक बोया हुआ जिनके फल और पत्ते बड़े होते है और दूसरा जंगली, जिसके फल और पत्ते इससे छोटे होते है। यह वृक्ष 7 से 9 फुट तक ऊंचा होता है तोड़ने से या चीरा देने से इसके हर एक भाग से दूध निकलता है। इसके पत्ते ऊपर की ओर से अधिक खुरदरे होते है। और फल का आकार प्रायः गूलर के फल के समान होता है। कच्चे फल का रंग हरा और पके फल का रंग पीला या बैंगनी किन्तु अंदर से बहुत लाल होता है।

जाने किन-किन जगहों पर होती है अंजीर की  खेती…

अंजीर की खेती-भारत में बैंगलोर, सूरत, कश्मीर, उत्तर-प्रदेश, नासिक तथा मैसूर में यह ज्यादा पैदा होता है। इसके पत्ते और शाखाओं पर रोएं होते हैं तथा कच्चे फल हरे और पकने पर लाल आसमानी रंग के हो जाता है।

अंजीर के गुण- यह फल बहुत मीठा और अन्दर से स्वादिष्ट होता है। अंजीर अत्यंत शीतल, तत्काल रक्त पित्तनाशक, सिर और खून की बीमारी में तथा कुष्ठ और नकसीर में लाभकारी है।

अंजीर के विभिन्न भाषाओँ में नाम-

Hindi-अंजीर

Sanskrit-काकोदुम्बरिका

English-Fig

Marathi-अंजीर

Punjabi-ਅੰਜੀਰ

Bangla-ডুমুর

Gujarati-ફિગ

Telugu-అత్తి పండ్లను

Urdu-انجیر

Tamil-அத்தி

Kannada-ಅಂಜೂರ

Malayalam-അത്തിപ്പഴം

अंजीर की घरेलू दवा में प्रयोग होने वाले भाग

अंजीर के दिव्य औषधीय प्रयोग किये जाने वाले भाग-अंजीर की जड़, अंजीर की पत्ती, अंजीर का तना, अंजीर के फल, अंजीर का तेल, और अंजीर की सूखी लकड़ी आदि भाग घरेलू दवाओं में प्रयोग किये जाते हैं।

अंजीर की दिव्य जड़ी-बूटी एवं घरेलू दवा, चिकित्सा प्रयोग –

गठिया में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: गठिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अंजीर को बादाम और पिस्ते के साथ खाने से गठिया की समस्या से निजात मिलता है।

क्षय रोग में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: क्षय रोग (टी.बी.) में कफ की उत्पत्ति रोकने के लिए ताजे अंजीर खाना फायदेमंद माना जाता है।

श्वांस रोग में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: श्वांस रोग में-अंजीर और गोरख इमली का चूर्ण सामान भाग लेकर प्रातःकाल 6 माह तक नियमित रूप खाने से दमे के रोग में आराम मिलता है।

रुधिर जमाव में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: रुधिर जमाव में अंजीर की सूखी लकड़ी को जला कर राख को पानी के अंदर घोलकर गाद के नीचे बैठ जाने के बाद उसका निथरा हुआ पानी निकालकर उसमे फिर से वही राख घोल देना चाहिए। ऐसा सात बार करके राख घोल-घोलकर निथरा हुआ पानी पिलाने से रुधिर का जमाव बिखर जाता है।

बवासीर में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: बवासीर की समस्या में दो सूखे अंजीर को रात भर पानी में भिगोना देना चाहिए और सुबह उठकर खा लेना चाहिए और इसी तरह सुबह भिगोना चाहिए और शाम को खा लेना चाहिए इस प्रयोग को लगातार एक सप्ताह खाने से खुनी बवासीर में लाभ होता है।

परुष शक्तिवर्धक में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: पौरुष शक्तिवर्धक में दो सेर सूखे अंजीर लेकर गर्म पानी में दो तीन बार धोकर उसके छोटे=छोटे टुकड़े कर लेना चाहिए और फिर बादाम के मगल एक सेर लेकर उसके छिलके उतार कर उसके भी छोटे-छोटे टुकड़े कर लेना चाहिए और उसके बाद कलईदार कड़ाही में अंजीर और बादाम की मगज डालकर उसमे चार सेर शक्कर तथा इलाइची 2.5 तोला, केशर एक तोला, चिरौजी 10 तोला, पिस्ता 10 तोला, सफेद मूसली 4 तोला इन सब चीजों को कूटकर थोड़ी देर तक अग्नि पर पकाएं जब घी अच्छी तरह से पिघल जाय और वे सभी चीजे अच्छी तरह से मिल जाय तो उसे उतार कर चीनी की बर्निया में भर दें। इस औषधि को अपने प्रकृति के अनुसार दोनों समय खाने से पुरुष वृद्धि होती है। यह औषधि जीवन शक्ति वर्धक और अत्यंत पौष्टिक है।

त्वचा की गर्मी में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: त्वचा सम्बन्धित समस्या में अंजीर के साथ इलाइची 2.5 तोला, केशर एक तोला, चिरौजी 10 तोला, पिस्ता 10 तोला, सफेद मूसली 4 तोला एक साथ सभी को पकाकर हल्की मात्रा में सुबह-शाम प्रयोग करने से त्वचा के लिए लाभदायक होता है।

पित्त विकार में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: पित्त विकार की समस्या में अंजीर के साथ पिस्ता 10 तोला, सफेद मूसली 4 तोला सब को एक साथ पकाने के बाद ठंढ़ाकर एक बोतल में भरकर रख लें, सुबह-शाम एक चम्मच प्रयोग करने से पित्त विकार में लाभ होता है।

रक्तविकार में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: रक्तविकार से पीड़ित रोगी को पिस्ता 10 तोला, सफेद मूसली 4 तोला और अंजीर के छोटे-छोटे के साथ पकाकर खाने से रक्तविकार ठीक हो जाता है।

कब्जियत में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: कब्जियत की समस्या में अंजीर के साथ पिस्ता 10 तोला, सफेद मूसली 4 तोला एक साथ पकाकर प्रयोग में लाने से कब्जियत की समस्या से निदान मिलता है।

वीर्य दोष में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: वीर्य दोष की समस्या से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए इलाइची 2.5 तोला, केशर एक तोला, चिरौजी 10 तोला, पिस्ता 10 तोला, सफेद मूसली 4 तोला और अंजीर के साथ एक चम्मच सुबह-शाम प्रयोग करने से वीर्य दोष से निजात मिलता है।

सफ़ेद दाग में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: श्वेत कुष्ठ यानि सफ़ेद दाग के आरम्भ में ही अंजीर के पत्तों का रस लगाने से रोग की वृद्धि में रुकावट हो जाती है।

गाँठ में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: गाँठ एवं फोड़े की समस्या में सूखे या हरे अंजीर को पीसकर जल में पकाकर गुनगुना लेप करने से गाँठो तथा फोड़ों की सूजन बिखर जाती है।

पुरानी खांसी में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: पुरानी खांसी में अंजीर रामबन दवा है, क्योकि यह खांसी केवल बलगम से ही पैदा होती है। इसका दूध तीक्ष्णता के कारण रेचक है जो बलगम को पिघालकर निकालने में सक्षम है।

सीने के दर्द में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: सीने के दर्द से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए कच्चा अंजीर और सूख अंजीर नियमित रूप प्रयोग करने से सीने का दर्द ठीक हो जाता है।

दाद में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: दाद की समस्या से निजात पाने के लिए अंजीर का प्रयोग उत्तम माना जाता है।

कमजोरी में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: कमजोरी के समस्या से गुजर रहे मरीज को सुबह-शाम भूने हर अंजीर खाने से कमजोरी दूर होती है।

लकवा में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: लकवा से पीड़ित मरीज को अंजीर के छोटे-छोटे टुकड़े करके खिलाने से लकवा की समस्या दूर होती है।

प्यास में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: जिस व्यक्ति को बार-बार प्यास लगती हो उसे अंजीर का प्रयोग करना चाहिए यह प्यास के लिए रामबाण दवा है।

यकृत की समस्या में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: यकृत की समस्या से गुजर रहे मरीज को अंजीर को भून कर सुबह-शाम प्रयोग करने से यकृत की समस्या से निजात मिलता है।

बलतोड़ की समस्या में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: अंजीर बलतोड़ की रामबाण औषधि है। बलतोड़ की समस्या में अंजीर के सूखे हुए फल को नियमित सुबह-शाम लगभग एक सप्ताह तक प्रयोग करने से बलतोड़ की समस्या से निजात मिलता है।

जख्म के दुर्गन्ध में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: जख्म दुर्गन्ध की समस्या में सूखे हुए अंजीर का पुल्टिस दूध के साथ प्रयोग करने से पीबदार जख्म और नासूर की दुर्गंध को दूर होती है।

फोड़ा-फुंसी में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: फोड़ा-फुंसी की समस्या से निजात पाने के लिए भूने हुए अंजीर का पुल्टिस सांघातिक फोड़े के ऊपर पर बाँधा जाता है।

दिल रोग समस्या में अंजीर के फायदे एवं सेवन विधि: दिल रोग समस्या में-सूखे अंजीर का सेवन करने से दिल की बीमारी में लाभ होता है। सूखे अंजीर में ओमेगा 3 और फिनॉल के साथ-साथ ओमेगा 6 फैटी एसिड्स भी होते हैं जो दिल की बीमारियों से रोकथाम करते हैं।

अंजीर खाने से नुकसान-

1. दो-तीन अंजीर से ज्यादा नहीं खाना चाहिए क्योकि अधिक अंजीर खाने से आंत व पेट की समस्या का समना करना पड़ सकता है।

2. अंजीर में शूगर की मात्रा अधिक होती है। डायबिटीज के मरीजों को भी इसे खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

3. किसी-किसी को अंजीर खाने से एलर्जी भी हो सकती है, इसलिए अंजीर खाने से पहले एक बार वैद्य से परामर्श ले लेनी चाहिए।

4. अंजीर का अधिक प्रयोग करने से वजन घटने की सम्भावना बढ़ जाती है।

5. अंजीर का अधिक सेवन करने से शरीर में गर्मी हो सकती है क्योकि इसका तासीर गर्म होता है।

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