मासिक धर्म के घरेलू उपचार-अनियमित मासिक धर्म के घरेलू उपचार Periods Self Treatment
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हिंदी | मासिक धर्म माहवारी, ऋतुस्त्राव, आर्तव, रजोधर्म |
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नेपाली | मासिक धर्म |
मासिक धर्म के घरेलू उपचार-अनियमित मासिक धर्म के घरेलू उपचार
Masik Dharm मासिक धर्म माहवारी, रजोधर्म, आर्तव, ऋतुस्त्राव आदि नामों से पहचाना जाता हैं। इसमें औरतों के शरीर से खून का प्रवाह होता हैं। लड़कियां जब अपने जवानी की दहलीज़ पर पहुँचती हैं। तो खासकर जवान लड़कियों की ज़िंदगी में एक बहुत बड़ा बदलाव होता है। जब उनका पहला मासिक-धर्म शुरू होता हैं तो उनके शरीर में सेक्स का बहुत तेजी से उत्सुकता होती है। मासिक धर्म 8 वर्ष लेकर 17 वर्ष तक हो सकता हैं। मासिक-धर्म में लड़कियों को काफी तनाव से गुजरनी पड़ती हैं:- Maasik Dharm ke Lakshan, Karan Ilaj, Rajodharm ke Gharelu Upchar.
मासिक धर्म के लक्षण Masik Dharm ke Lakshan
1. मासिक धर्म समय से पहले होने पर महिलाओं के गर्भाशय में दर्द होता हैं।
2. मासिक धर्म में महिलाओं को भूख नहीं लगती।
3. मासिक धर्म में महिलाओं के अंग-अंग में दर्द होता हैं। मासिक धर्म में महिलाओं के स्तनों, पेट, हाथ,तथा पैर कमर आदि में दर्द होता है।
4. मासिक धर्म में महिलाओं को अधिक थकान महसूस होती हैं।
5. मासिक धर्म समय पर न होने पर महिलाओं के पेट में कब्ज तथा दस्त और गैस की शिकायत होती हैं.
6. मासिक धर्म समय पर न होने से महिलाओं के गर्भाशय में बहुत सारा रक्त स्थिर हो जाता हैं।
Masik Dharm मासिक धर्म के कारण
मासिक धर्म में शरीर के अंग-अंग में दर्द तथा आलस्य, खून की कमी और मैथुन दोष माहवारी के समय ठंडी वस्तुओं के अत्यधिक सेवन करने से मासिक धर्म में रुकावट हो जाता है तथा ठंड लग जाना, पानी में काफी समय तक भीगना। शोक, क्रोध, दुःख, मानसिक तथा मासिक धर्म के समय खाने-पीने का विशेष ध्यान न देने के कारण मासिक धर्म में रुकावट हो जाती है तथा मासिक धर्म रुक जाता है एवं समय पर न होना।
मासिक धर्म (माहवारी) में औषधीय गुण एवं घरेलू उपचार निम्नलिखित प्रकार से किये जाते है :-
Masik Dharm ke Gharelu Upchar
मासिक धर्म में देशी घी का घरेलू उपचार एवं सेवन विधि
मासिक धर्म में देशी घी का घरेलू लाभ मासिक धर्म के समय एक गिलास पानी उबालकर पानी में एक चम्मच देशी गाय का घी डालकर उसे सुबह शाम सेवन करने से मासिक धर्म में तुरंत लाभ मिलता है।
मासिक धर्म में अशोक वृक्ष के घरेलू उपचार एवं चिकित्सीय सेवन विधि
मासिक धर्म में अशोक के चार पांच पत्ते को तोड़कर पत्ते को पीसकर एक गिलास पानी में उबले और जब शेष रह जाये तो उसे आग पर से उतार ले और ठंठा होने के बाद खाली पेट सुबह पीने से मासिक धर्म में लाभ होता है।
मासिक धर्म में लौंकी के घरेलू उपचार एवं सेवन विधि
मासिक धर्म में कच्ची लौंकी को छोटे-छोटे टुकड़ो में विभाजित करके लौंकी का काढ़ा बना ले। दिन में दो तीन बार नियमित सेवन करने से मासिक धर्म ठीक हो जाता है। मासिक धर्म में लौंकी का अधिक सेवन करने से मासिक धर्म में शीघ्र लाभप्रद होता है।
मासिक धर्म में बरगद के औषधीय गुण एवं घरेलू उपचार विधि
मासिक धर्म में बरगद की जड़ को अच्छी तरह से साफ़ करके जड़ों को आधा गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बना ले। 2-3 चम्मच देशी गया का दूध मिलाकर प्रतिदिन सोते समय नियमित सेवन करने से मासिक धर्म में लाभ होता है।
मासिक धर्म में अंगूर के औषधीय गुण एवं घरेलू उपचार विधि
मासिक धर्म में अंगूर तोड़कर सुबह सुबह खाली पेट खाने से मासिक धर्म की रुकावट में लाभकारी होता है।
मासिक धर्म में सौंफ के घरेलू उपचार एवं सेवन विधि
मासिक धर्म में सौंफ, जीरा, अजवायन, तिल का मिश्रण अच्छी तरह से भून कर एक डिब्बे में भर कर रख ले। सबुह शाम दोपहर तीनों पहर सेवन करने से मासिक धर्म ठीक हो जाता है।
मासिक धर्म में पपीता के औषधीय उपचार एवं सेवन विधि
मासिक धर्म में कच्चा पपीता और एलोवेरा का रस निकालकर स्वरस को सुबह सुबह पीने से मासिक धर्म में लाभप्रद होता है।
मासिक धर्म में आम के घरेलू उपचार एवं सेवन विधि
मासिक धर्म में आम के फूल,छाल एवं पत्तों को पानी के साथ पीसकर बाती बना कर योनि में के अंदर धरण करने से मासिक धर्म में लाभ होता है मासिक धर्म में योनि द्वारा स्त्रावित होने वाले दूषित रक्त तथा योनि की गंध दूर हो जाती है।
मासिक धर्म में वासा (अडूसा) के घरेलू उपचार एवं सेवन विधि
मासिक धर्म में अडूसा के पत्ते 10 ग्राम, मूली व गाजर 6 ग्राम, तीनों को आधा किलो पानी में उबालें। चार भाग शेष बचने पर उसके काढ़ा को कुछ दिन सेवन करने से मासिक धर्म में लाभ होता है।
मासिक धर्म में बबूल के घरेलू उपचार एवं सेवन विधि
मासिक धर्म में बबूल का गुंडा 4 1/2 ग्राम तथा गेरू 4 1/2 ग्राम, इन दो को पीसकर सुबह खाली पेट फांक लेने से मासिक धर्म में बह रहे अधिक रक्त स्राव बंद हो जाता है मासिक धर्म में आराम मिलता है।
ध्यान दे मासिक धर्म के समय ज्यादा तर सेक्स से दूर रहना चाहिए। क्योंकि इस समय सेक्स करने से महिलाओं के गर्भाशय में बच्चा रह जाने की से आप परेशानी को अपने पास बुला रही हैं। तथा बहुत सारी परेशानिओं का समना करना पड़ता। खासकर अनमैरिट लड़कियों को तो मासिक धर्म में सेक्स नहीं करना चाहिए।
मासिक धर्म (माहवारी) के लक्षण, कारण, इलाज एवं घरेलू उपचार Masik Ddharm ke Lakshan, Karan, Ilaj, Evam Gharelu Upchar.
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