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महाराणा प्रताप की जीवनी Biography of Maharana Pratap in Hindi

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1. महाराणा प्रताप की जीवनी एवं इतिहास: परम प्रतापी, प्रचंड शक्तिशाली, परम पराक्रमी, मेधावी, कठोर से कठोर आघात को वीरतापूर्वक सहन करने की अद्भुत क्षमता के प्रतीक, सिसोदिया वंश के सूर्य, भारत भूमि के गौरव महाराणा प्रताप का जन्म 09 मई 1540 को मेवाड़ प्रान्त में हुआ था। महाराणा प्रताप की वीरता, युद्ध कौशल, अपार शक्ति के धनी एवं उनके युद्ध कौशल में प्रवीण सहयोगी चेतक को दुनिया आज भी सलाम करती है। सम्पूर्ण मुग़ल सल्तनत एवं मुग़ल सम्राट अकबर भी महाराणा प्रताप की वीरता के प्रशंसक थे। महाराणा प्रताप का जीवन परिचय एवं महाराणा प्रताप का चरित्र चित्रण इतिहास कुछ इस प्रकार से है-Itihas ke amar saput Maharana Pratap:-

महाराणा प्रताप की जीवनीमहाराणा प्रताप का संक्षिप्त इतिहास
वास्तविक नाममहाराणा प्रताप
बचपन का नाम कीका
जन्मतिथि9 मई 1540 (शुक्ल पक्ष तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597)
जन्म स्थानउदयपुर, मेवाड कुम्भलगढ दुर्ग
परिवार
पिता महाराणा उदयसिंह
माता महारानी जैवन्ताबाई
महाराणा प्रताप की 11 पत्नियां एवं पुत्रों का विवरण 1. महारानी अजब्दे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास
2. अमरबाई राठौर :- नत्था
3. शहमति बाई हाडा :-पुरा
4. अलमदेबाई चौहान:- जसवंत सिंह
5. रत्नावती बाई परमार :-माल,गज,क्लिंगु
6. लखाबाई :- रायभाना
7. जसोबाई चौहान :-कल्याणदास
8. चंपाबाई जंथी :- कल्ला, सनवालदास और दुर्जन सिंह
9. सोलनखिनीपुर बाई :- साशा और गोपाल
10. फूलबाई राठौर :-चंदा और शिखा
11. खीचर आशाबाई :- हत्थी और राम सिंह
मरण प्रताप की प्रथम पत्नी महारानी अजब्दे पंवार
महाराणा प्रताप के पुत्र जगमाल, शक्ति सिंह, सागर सिंह
कुल/वंश सिसोदिया राजबंश
धर्म सनातन
राज्याभिषेक गोगुन्दा में
शारीरिक आँकड़े और अधिक
सेंटीमीटर - 222
मीटर -2.22
फुट/इंच -7'5"
वजन (किलोग्राम में) किलोग्राम - 110
महाराणा प्रताप के भाले का वजन
81 - किलोग्राम
कवच का वजन 72 - किलोग्राम
युध्द के दौरान महाराणा प्रताप का वजन 280 किलोग्राम (अस्त्र शस्त्र सहित वजन)
महाराणा प्रताप का घोडा चेतक, युध्द कला में प्रवीण
विश्व विदित युद्ध हल्दीघाटी
मुख्य प्रतिद्वंदी बादशाह अकबर
अकबर के खिलाफ युध्द की अवधि30 वर्षों के लगातार प्रयास के बावजूद बादशाह अकबर महाराणा प्रताप को बंदी न बना सका। यही नहीं महाराणा की मृत्यु की खबर सुन अकबर रो पड़ा था।
बादशाह अकबर भेजे गए संधि प्रस्ताव जो महाराणा प्रताप ने अस्वीकार कर दिया
जलाल खान कोरची - 1572
मानसिंह - 1573
भगवान दास - ( 1573 अक्टूबर)
टोडरमल -(1573 दिसम्बर)
महाराणा प्रताप के कुल पुत्र एवं पुत्रियों की संख्या
पुत्र - 17
पुत्रियों - 5
उत्तराधिकारी महारानी अजब्दे के पुत्र अमर सिंह
महाराणा प्रताप की मृत्यु 29 जनवरी 1597

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महाराणा प्रताप की विशेषताएं/महाराणा प्रताप का इतिहास

2. महाराणा प्रताप का विवाह 17 वर्ष की आयु में 15 वर्षीय राजकुमारी अजब्दे के साथ 1557  में हुआ था।  2 वर्ष बाद 1559  में उनके प्रिय पुत्र अमर सिंह का जन्म हुआ था।

3. 1576  में हल्दीघाटी के युद्ध में 20,000  सैनिकों  की सेना  को साथ लेकर राणा प्रताप ने मुगल सेनापती राजा मानसिंह के 80,000 सैनिकों की सेना का सामना किया था।

4. हल्दी घाटी में  जहां स्वयं महाराणा प्रताप और उनके भाई शक्ति सिंह ने अपने हाथों से अपने  घोड़े चेतक का  अंतिम संस्कार किया था वहीं हल्दी घाटी में चेतक की समाधि बनी हुई है।

5. महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम  एवं कवच का वजन भी 72  किलो था।

6. उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में महाराणा प्रताप की प्रसिद्ध तलवार, कवच एवं युद्ध सामग्री  आदि  सुरक्षित हैं।

7. हल्दी घाटी के प्रांगण में आज भी  महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का भब्य  मंदिर  सुरक्षित है।

8. महाराणा प्रताप के  वफादार चेतक घोड़े की एक टांग टूटने के बावजूद भी  वह अपने मालिक महाराणा प्रताप को 26 फिट के नाले की छलांग लगाकर रणभूमि में दुश्मनों से घिरे अपने मालिक को बचा ले गया और खुद वहीं पर वीर गति को प्राप्त हो गया।

9. मेवाड़ राजघराने के वारिस को एकलिंग जी भगवन का दीवान माना जाता है।

10. वीर शिवाजी के पर दादा महाराणा उदयपुर, के छोटे भाई थे, अत: छत्रपति शिवाजी भी मूल रूप से मेवाड़ से ही थे।

11. 25,000  सैनिकों के लिए 12  वर्ष तक के लिए खर्च का अनुदान देकर भामा शाह (वैश्य), भी महाराणा प्रताप की दोस्ती को  अमर कर गया।

12. महाराणा प्रताप के डर  से बादशाह अकबर अपनी राजधानी लाहौर लेकर चला गया था और उनकी  मृत्यु के पश्चात ही  राजधानी लाहौर से आगरा  परिवर्तित की थी ।

13. 19 जनवरी 1597 में महाराणा प्रताप की  नई राजधानी चावंड मे उनकी मृत्यु हो गई थी।

14. लाहौर में महाराणा प्रताप की मृत्यु का समाचार सुनकर बादशाह अकबर रो पड़ा था।

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