अटल जी की प्रेम कथा, जब दिल दे बैठे राजकुमारी को.. Love Story of AB Vajpayee in Hindi
अटल बिहारी बाजपेयी की प्रेम कथा Love Story of AB Vajpayee:
जिंदगी एक खूबसूरत यात्रा होती है। खूबसूरत मोड़ों के साथ, क्या पता किस मोड़ का कौन सा खूबसूरत लम्हा आपकी जिंदगी बदल दे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी में जब वो लम्हा आकर गुजरा तो वो उदास हुए, उन्हें लगा कि सबकुछ खत्म हो गया। लेकिन बाद में यही लम्हा उनकी जिंदगी की खूबसूरत प्रेम कहानी बन गई। जाने माने पत्रकार कुलदीप नैयर ने लिखा,” ये देश के राजनीतिक हलके में घटी सबसे महान प्रेम कथा थी.”
अटल जी की प्रेम कहानी की शुरुआत 40 के दशक में होती है, जब अटल ग्वालियर के एक कॉलेज में पढ़ रहे थे, वह भी उनके साथ पढ़ रही थीं। उस समय के दौर ऐसा था कि बातें केवल आंखों ही आंखों में होती थीं या मूक जुबान बहुत प्रेम के संकेत देती थी। ज्यादा बात करने के अवसर नहीं थे. ऐसा लगता था कि प्रेम बहुत शिद्दत से एक पगडंडी तैयार करता जा रहा था. आखिरकार अटल ने इस राह पर कदम बढ़ाने की हिम्मत की. उन्होंने लवलेटर लिखा. जवाब ही नहीं आया. वह बहुत निराश हुए. उन्हें क्या मालूम था कि ये लवलेटर करीब एक-डेढ़ दशक बाद उनकी जिंदगी में हमेशा के लिए बदलने वाला है. अटल जी के महान प्रेम, 1940 के दशक में किशोरावस्था की दहलीज पर जब अटल बिहारी वाजपेयी ने कदम रखा तो आँखों ही आँखों में उनकी सहपाठी राजकुमारी कौल से प्रेम हो गया था। अटल जी ने राजकुमारी कौल को गुप्त लवलेटर लिखा किन्तु जवाब न आने से बहुत निराश हुए। अटल जी का राजकुमारी के लिए लाइब्रेरी में लिखा पहला प्रेमपत्र एक किताब के अंदर रखकर भेजा था, लेकिन उन्हें उस लवलेटर का कोई जवाब नहीं मिला। जब कि वास्तविकता यह थी की राजकुमारी ने प्रेमपत्र का जवाब किताब के अंदर ही रखकर अटल को दे दिया था किन्तु किसी कारणबस वह अटल तक नहीं पहुंच सका। अटल जी को सायद यह आभास नहीं था कि 15 साल बाद उनके जीवन की भाग्य रेखाएं बदलने वाली हैं…अटल जी की प्रेम कथा, जब दिल दे बैठे राजकुमारी को…
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