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Prem Vivah ya love Marriage प्रेम विवाह से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी In Hindi

प्रेम विवाह या लव मैरेज

जब दो प्रेम करने वाले प्रेमी एक दूसरे के साथ जीने मरने की कश्मे खाते और शादी करते है तो इसे प्रेम विवाह कहा जाता है। प्रेम विवाह का दूसरा नाम लव मैरेज, गंदर्भ विवाह भी कहते है इस विवाह का आधार ही प्रेम होता है क्योंकि प्रेमी जोड़े एक दूसरे के प्रेम में विलीन हो जाते है एक दूसरे के बिना जी नहीं पते और  शादी का निर्णय कर लेते है। शादी करने वालो जोड़े पहले से एक दूसरे को जानते पहचानते है प्यार कभी भी और किसी से भी हो सकता है। यह परम्परा तो बहुत शदियों से चली आ रही है लेकिन आजकल प्रेम विवाह का प्रचलन बहुत तेजी से हो रहा है क्योंकि बच्चे पढ़ने तथा जॉब करने के लिए घर से ज़्यादातर बाहर रहते है। इसी दौरान उन्हे किसी ना किसी से प्रेम हो जाता है। प्रेम करना कोई गलत बात नहीं है क्योंकि प्रेम करों तो निभाना भी चाहिए। इस तरह के प्रेम विवाह में महिलाओ का शोषण कम होता है तथा घरेलू हिंसा जैसे लड़ाई- झगड़े मार पीट दहेज प्राथ आदि समस्यायों से छुटकारा मिलता है।

प्रेम विवाह से पहले दे उम्र का ध्यान

भारत सरकार के नियम अनुसार लड़कियों की उम्र 18 वर्ष और लड़को की उम्र 21 वर्ष निर्धारित किया गया हैं।  इससे ज्यादा भी हो सकती हैं। परंतु इससे कम उम्र का नहीं होना चाहिए केवल आप उसे शारीरिक तनाव का नाम दे सकते हैं। कम उम्र में शादी से बहुत सारी परेशनियों का सामना करना पड़ता है। इस लिये उम्र का ध्यान रख कर ही शादी करनी चाहिए। क्योंकि कम उम्र में शादी करना कानूनी अपराध है पकड़े जाने पर सजा भी हो सकती है।

 

प्रेम विवाह के लाभ

  • प्रेम विवाह करने वाले प्रेमी एक दूसरे को पहले से भली भाँती जानते है तो उन्हे एक दूसरे को समझने में परेशानी नही होती है।
  • प्रेम विवाह करने वाले जोड़े एक दूसरे की पसंद ना पसंद अच्छी तरह से जानते है तो उनके बीच लड़ाई होने की संभावना नहीं होती है।
  • प्रेम विवाह करने पर हमारे देश में जाती प्रथा पूरी तरह से ख़तम हो जाएगी और सभी एक दूसरे को समान देंगे तथा ऊंच नीच का भेद भाव भी खत्म होता है।
  • प्रेम विवाह में माता पिता को दहेज की चिंता नही करनी पड़ेगी और जो पैसे दहेज में लगना था वो पैसे को माता पिता अपनी बेटी की शिक्षा और करियर पर खर्च कर देना चाहिए।
  • प्रेम विवाह में दहेज ना लेने पर पढ़े लिखे लड़को को पढ़ी लिखी लड़किया मिल जाती है इससे हमारा देश में साक्षारता की संख्या आगे होगा।
  • प्रेम विवाह में पति पत्नी की सोच एक दूसरे के बराबर होने से दोनो के बीच समझोते की बात देखने को मिलती. इनके रिश्ते में कभी भी दरार नहीं होती और रिश्ता हमेशा मजबूत रहता है.
  • प्रेम विवाह के ज़रिए आप ऐसे साथी चुन सकते है जिससे आप समझते है और जो आपकी भावनाओ की कदर करता है.

    प्रेम विवाह से परेशानी

  1. प्रेम विवाह का सबसे बडा नुकसान अगर इंसान का प्रेम से मन भर जाये तो वह रिश्ता खत्म भी कर सकता है।
  2. प्रेम विवाह से परिवार के सदस्यों को बहुत सारी बुराइयों का समना करना पड़ता है क्योंकि गाँव समाज के लोगों के मुख से अनेक प्रकार के ताने सुनने पड है।
  3. प्रेम विवाह करने से कई परिवार की जिन्दगी बर्बाद हो जाती है जिसके जिम्मेदार सिर्फ प्रेमी और प्रेमिका होते है।
  4. प्रेम विवाह में खास कर लडकी के माता पिता भाई नाराज हो जाते है। क्योंकि प्रेम विवाह में लोग लड़की लेके भाग जाते है। उस लडकी के पिता व भाई आदि कभी खुश नही रह पाते उनकी जिन्दगी जिन्दा लाश की तरह हो जाती हैं।
  5. प्रेम विवाह परिवार के खिलाफ करने पर उनके परिवार के सदस्यों द्वारा आत्महत्या भी की जा सकती है। क्युँकि वो बदनाम होने से मरना ज्यादा बेहतर समझते हैं।

प्रेम विवाह और परम्पारिक विवाह में अंतर

प्रेम विवाह – इस विवाह में प्रेमी और प्रेमिका अपनी पंसद से विवाह करते है स्वयं की पसंद को ज्यादा महत्व दिया जाता है ऐसे विवाह को जाति, गौत्र आदि नियम से कोई मतलब नहीं होता है।

पारंपरिक विवाह – इस विवाह में माता पिता परिजन की मर्जी को महत्व देकर वर वधु का विवाह किया जाता है इसमें ज्यादातर परम्परा, मान्यताओं , जाति , गौत्र आदि को मान्यता दी जाति है।

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