काली राई के औषधीय प्रयोग – Kali Raee, Sarson ke Aushadhiy Prayog
काली राई (सरसों) के औषधीय प्रयोग
काली राई के औषधीय प्रयोग (काली सरसों)
दाद, गठिया, सर्पविष, बिच्छू, उल्टी, जुकाम, गंजेपन, सूजन, अधकपारी, कांख फोड़ा, रक्त जमाव, वातशूल, पित्तशोथ, राई दान, चिड़चिढ़ापन, नजर उतारना आलस्य आदि बीमारियों के इलाज में काली राई या सरसों के औषधीय चिकित्सा प्रयोग निम्नलिखित प्रकार से किये जाते हैं:-
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काली राई (सरसों) | Black Rye | سیاہ رائی | ਬਲੈਕ ਰਾਈ | ब्लॅक राई | બ્લેક રાઈ | கருப்பு கம்பு | బ్లాక్ వరి | കറുത്ത ചായം | কালো রাই | ಕಪ್ಪು ರೈ | कालो राई |
दाद में काली राई के औषधीय प्रयोग
दाद, खाज, खुजली से परेशान मरीजों के लिए काली राई (सरसों) के औषधीय प्रयोग में काली राई को सिरके के रस के साथ पीसकर लेप करने से दाद, खाज, खुजली जड़ से समाप्त हो जाती है।
गठिया मर्ज में काली राई के औषधीय प्रयोग
गठिया में दर्द से राहत पाने के लिए काली राई का प्लास्टर करने से गठिया का दर्द तुरंत दूर होता जाता है और मरीज को गठिया के दर्द से छुटकारा मिलता है।
सर्पविष में काली राई के औषधीय प्रयोग
काली राई को अधिक मात्रा में खिलाने से वमन (उल्टी) होकर विष का प्रभाव कम हो जाता हैं। और मरीज तुरंत आराम हो जाता है।
बिच्छू के विष में काली राई के औषधीय गुण
काली राई और कपास के पत्ते को पीसकर लेप करने से बिच्छू का विष उतर जाता है। और विष से परेशान मरीज को तत्काल विष से छुटकारा मिलता है।
उल्टी में काली राई के औषधीय गुण
काली राई के आटे को पानी में घोलकर पिलाने से बहुत शीघ्र ही उल्टी से मरीज को आराम मिलता है। काली राई के प्लास्टर को पेट और कलेजे पर लगाने से भयंकर और हठीले वमन से परेशान रोगी को उल्टी से तुरंत लाभ मिलता है और शीघ्र ही वमन का पतन हो जाता है।
जुकाम में काली राई के औषधीय प्रयोग
जुकाम से परेशान मरीजों के लिए काली सरसों के तेल को पैरों और तलुवे पर मालिश करने से मस्तक की सर्दी और जुकाम एक रात में मिट जाते हैं। नाक पर इसके तेल की मालिश करने से नाक का बहना तुरंत बंद हो जाता है।
गंजेपन में काली सरसों के औषधीय गुण
कच्ची काली राई और सेकी हुई काली राई को बराबर-बराबर मात्रा में पीसकर कड़वे तेल में मिलाकर लगाने से सिर के गंजेपन में लाभ मिलता है और बालों का टूटना भी बंद हो जाता है एवं फिर से नये बाल उगने लगते है।
सूजन में काली सरसों के औषधीय गुण
सूजन से परेशान रोगी काली राई के तेल की मालिश करने से सूजन में तुरंत लाभ होता है। और मरीज वेदना शांत हो जाती है। सूजन कैसी भी हो काली राई के प्रयोग से सूजन जड़ से नष्ट हो जाती है। मरीज को आराम मिलता है।
आधाशीशी में काली राई के औषधीय प्रयोग
आधाशीशी या अधकपारी से परेशान रोगी काली राई और कबूतर की बीट को पीसकर लेप करने से अधकपारी का रोग जड़ से नष्ट हो जाता है और सिर की वेदना शांत होती है।
कांख के फोड़े में काली राई के औषधीय प्रयोग
कांख के फोड़ा से परेशान मरीज काली राई को जल के साथ पीसकर लेप करने से मवाज निकल जाती है। और कांख के फोड़े से शीघ्र ही आराम मिल जाता है।
रक्त जमाव में काली राई के औषधीय प्रयोग
रक्त जमाव से दुखी मरीज काली सरसों के तेल की मालिश करने से और सरसों का सेंक करने से रक्त जमाव में शरीर के भीतर अगर कहीं रुधिर का जमाव हो जाये तो वहां इसके तेल की मालिश कर देने से जमाव बिखर जाता हैं।
वातशूल में काली राई के औषधीय गुण
काली राई और सहजने की छाल को मठठे में पीसकर लेप करने से वातशूल (जोडो़ं व मांसपेशियों में दर्द व सूजन) शीघ्र ही नष्ट हो जाता है और वातशूल से परेशान रोगी को तुरंत ही लाभ होता है।
पित्तशोथ में काली राई के औषधीय गुण
पित्त के प्रकोप के कारण होनेवाला शोथ या सूजन से परेशान रोगी काली राई को पित्त की सूजन वाली जगह पर बांधने से बहुत जल्दी लाभ होता है। और पित्त के सूजन से शीघ्र ही आराम मिल जाता है।
चमत्कारी टोटके में राई दान का प्रयोग
टोटके से परेशान व्यक्तियों को गुरूवार को राई दान करने से आप का पूरा दिन शुभ और मंगलमय रहता है। इसके अलवा राई, लहसुन, राल, नमक, प्याज के सूखे छिलके व मिर्च अंगारे पर डालकर उस आग को रोगी के ऊपर सात बार घुमाने से लगी हुई बुरी नजर शीघ्र ही उतर जाती हैं।
चिड़चिड़ापन में काली राई का प्रयोग
चिड़चिड़ापन से परेशान व्यक्ति यदि बात-बात पर गुस्सा हो जाता हो तो उसके ऊपर से सरसों और मिर्च को उतार कर जला दें। तथा पीड़ित व्यक्ति को जलते हुये आग को देखते रहने से शीघ्र ही चिड़चिड़ापन दूर हो जाएगा।
नजर उतारने में काली राई का प्रयोग
बुरी नजर के लिए काली राई के सात दाने, नमक के सात छोटे-छोटे सात साबुत लाल मिर्च को लेकर नजर से पीड़ित बच्चों के सिर के ऊपर सात बार उतारकर जलती आग में डाल दें। ध्यान दें की क्रिया करते समय किसी की भी टोक नहीं होनी चाहिए। समस्त कार्य बाएं हाथ से करना चाहिए। आग के लिए लकड़ी देशी आम की होनी चाहिए। मिर्च, राई एवं नमक को पीड़ित ब्यक्ति के सिर से उतार कर आग में जला दें। जब चन्द्रमा राहू से पीड़ित होता है तब नजर लग जाती है। मिर्च मंगल का, राई शनि का, नमक राहू का, प्रतीक है। तीनों को आग (मंगल का प्रतीक) में डालने से नजर दोष दूर हो जाता है। यदि इन तीनो को जलाने पर तीखी गंध न आए तो नजर दोष समझना चाहिए, यदि गंध आए तो अन्य उपाय करना चाहिए।
आलस्य में काली राई का प्रयोग
आलस एक बुरी आदत है क्योंकि आलस ही हमारे जीवन के बड़े से बड़े कामों को हमसे दूर कर देती है।काली राई के तेल को शरीर पर मालिश करने से आलस शीघ्र ही दूर हो जाती है। और शरीर फुर्त चुस्त दुरुस्त हो जाती है। आप का मन काम करने में लगेगा चूँकि जब आप की शरीर चुस्त दुरुस्त रहेगी तो आपका मन काम में जरूर लगेगा। आलस कैसे होती है चूँकि आप की नींद का पूरा न होना सिर में हमेशा दर्द रहना शरीर में थकावट सा रहना यही सब आलस के कारण होते है।
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